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महफ़िल ए गज़ल में एक नज़्म हमारी होती गऱ दास्ता

महफ़िल ए गज़ल में एक नज़्म हमारी  होती 
गऱ दास्ताँ ए मोह़ब्बत मुकम्मल हमारी  होती !!
 दिल की बातें ग़ज़ल बनाओ 
यारो इस महफ़िल में आओ।

ग़ज़ल की इस महफ़िल में आप का स्वागत है। हमें उम्मीद है #ग़ज़लनामा के माध्यम से आप ने ग़ज़ल लिखना ज़रूर सीख लिया होगा। अगर अच्छे से नहीं भी आया है तो भी एक बार कोशिश कर के देखने में क्या बुराई है। 

कुछ पंक्तियां जिन को आधार बनाकर आप ग़ज़ल लिख सकते हैं।
1. 
इक मोहब्बत का दिया दिल में जलाये रखना
महफ़िल ए गज़ल में एक नज़्म हमारी  होती 
गऱ दास्ताँ ए मोह़ब्बत मुकम्मल हमारी  होती !!
 दिल की बातें ग़ज़ल बनाओ 
यारो इस महफ़िल में आओ।

ग़ज़ल की इस महफ़िल में आप का स्वागत है। हमें उम्मीद है #ग़ज़लनामा के माध्यम से आप ने ग़ज़ल लिखना ज़रूर सीख लिया होगा। अगर अच्छे से नहीं भी आया है तो भी एक बार कोशिश कर के देखने में क्या बुराई है। 

कुछ पंक्तियां जिन को आधार बनाकर आप ग़ज़ल लिख सकते हैं।
1. 
इक मोहब्बत का दिया दिल में जलाये रखना
anitasaini9794

Anita Saini

Bronze Star
New Creator