उसे याद हूंगा मैं या भूल गयी वही लम्बे बाल, वही दाढ़ी, वही आंखें, वही चेहरा, मैं तो वही हूं शायद वो बदल गयी होगी क्या अब भी रातों को उठ कर सहम जाती होगी, मुझे तो अब वो फ़ोन नहीं करती, शायद रकीब से लिपट कर सो जाती होगी, मेरी हिज़्र उसे शर्मिन्दा करती होगी, उसकी तन्हाई उसको डसती होगी, वो मुझसे मिलना चाहती होगी, वो मुझे देख करके मुस्कुराती होगी, मेरी याद उसके ज़हन से ना जाती होगी, Read More in Captions ©Neerav Nishani उसे याद हूंगा मैं या भूल गयी वही लम्बे बाल, वही दाढ़ी, वही आंखें, वही चेहरा, मैं तो वही हूं शायद वो बदल गयी होगी क्या अब भी रातों को उठ कर सहम जाती होगी, मुझे तो अब वो फ़ोन नहीं करती, शायद रकीब से लिपट कर सो जाती होगी,