यह लत भी है, ज़रूरत भी है... कुछ शब्द फोन को समर्पित : ।।त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव , त्वमेव विद्या च द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वं च मम देवोदेवः ।। Continued in caption ... इस श्लोक के माध्यम से आज के दौर में फोन की महत्ता को दर्शाना कुछ अनुचित नहीं होगा। कभी उच्च शिक्षा के लिए, कभी अच्छे रोजगार के लिए अपने परिवार से दूर रहने की विवशता को कम करने में ये फ़ोन देवता बड़े सहायक होते हैं जो 24x7 अपने स्वजनों से ऑडियो/ वीडियो दोनों ही तरीके से जोड़े रखता है, याद कीजिये पोस्टमैन औऱ लाल डिब्बों में खत डालने का ज़माना। सोशल मीडिया पर बढ़ती सामाजिकता , हाँ यह भी सही है कि यह बढ़ती सामाजिकता ने कई दुर्गुणों को भी बढ़ावा दिया है लेकिन जागरूकता को भी बढ़ाया है। उंगलियों पर बनती बिगड़त