रक्त पीने को प्यासी म्यान में, तलवार वही पुरानी हैं कर दमन इन दुष्टो का, ललकार रही भवानी हैं दिखादे उबाल अपने खुन का, इन बेचारो की क्या हस्तीहै मत उलझ हम क्षत्रिय राजपूत है ,शौर्य से तपी जवानी है रक्त पीने को