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ये हरे दरखतों के पत्ते जब साखों से गिर जाएंगे जब झ

ये हरे दरखतों के पत्ते जब साखों से गिर जाएंगे
जब झील का पानी सूखेगा और सारे कमल कुमलाएंगे...
ये वादियां जब सो जाएंगी और आवाज़ें कहीं खो जाएंगी...
मेरी जान मैं उस खामोशी में भी प्यार के नगमे गाऊंगा ,
  मैं फिर भी तुमको चाहूंगा , मैं फिर भी तुमको चाहूंगा..!! #मै #फिर #भी #तुमको #चाहूंगा
ये हरे दरखतों के पत्ते जब साखों से गिर जाएंगे
जब झील का पानी सूखेगा और सारे कमल कुमलाएंगे...
ये वादियां जब सो जाएंगी और आवाज़ें कहीं खो जाएंगी...
मेरी जान मैं उस खामोशी में भी प्यार के नगमे गाऊंगा ,
  मैं फिर भी तुमको चाहूंगा , मैं फिर भी तुमको चाहूंगा..!! #मै #फिर #भी #तुमको #चाहूंगा