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बीत गया ये साल भी कुछ भी ना खास रहा। कितनी कोशिश क

बीत गया ये साल भी कुछ भी ना खास रहा।
कितनी कोशिश की मुस्कुराने की फिर भी चेहरा उदास रहा।

और कदम कदम पर मिली चुनौतियां मुझे।
हर एक दर्द का एहसास रहा।

बीत गया ये साल भी कुछ भी ना खास रहा।
कितनी कोशिश की मुस्कुराने की फिर भी चेहरा उदास है।

एक एक दिन मेरे लिए आम हो रहा है।
 ये शख्स गमों की दुकान हो रहा है।

मिली नहीं कोई उम्मीद की किरण।
दिन ब दिन बस परेशान हो रहा है।

बीत गया ये साल भी कुछ भी ना खास रहा।
कितनी कोशिश की मुस्कुराने की फिर भी चेहरा उदास रहा।

और कदम कदम पर मिली चुनौतियां मुझे।
हर एक दर्द का एहसास रहा।

©Sandip rohilla #sunrisesunset Niaa_choubey Manak desai Devesh Dixit  Shilpa yadav ज़हर
बीत गया ये साल भी कुछ भी ना खास रहा।
कितनी कोशिश की मुस्कुराने की फिर भी चेहरा उदास रहा।

और कदम कदम पर मिली चुनौतियां मुझे।
हर एक दर्द का एहसास रहा।

बीत गया ये साल भी कुछ भी ना खास रहा।
कितनी कोशिश की मुस्कुराने की फिर भी चेहरा उदास है।

एक एक दिन मेरे लिए आम हो रहा है।
 ये शख्स गमों की दुकान हो रहा है।

मिली नहीं कोई उम्मीद की किरण।
दिन ब दिन बस परेशान हो रहा है।

बीत गया ये साल भी कुछ भी ना खास रहा।
कितनी कोशिश की मुस्कुराने की फिर भी चेहरा उदास रहा।

और कदम कदम पर मिली चुनौतियां मुझे।
हर एक दर्द का एहसास रहा।

©Sandip rohilla #sunrisesunset Niaa_choubey Manak desai Devesh Dixit  Shilpa yadav ज़हर