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ठकुराइन, बस कहने भर को नहीं... वास्तव में हमलोग मि

ठकुराइन,
बस कहने भर को नहीं...
वास्तव में हमलोग मिट्टी के ही बने हैं...
पर मिट्टी के लिए मिट्टी में मिल जाना एक poetic justice सा ही है मिट्टी से बने लोगों के लिए...

पर आपको शायद पता नही है...न्याय हमें प्रिय है..
#माटी के लाल



#बाबा विख्यात आनंद (विश्व वाले )

©सदैव
  #shaheeddiwas