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"हुस्न की मलिका" है तू मेरे लिए मेरी मन्नत का फल,

"हुस्न की मलिका"

है तू मेरे लिए मेरी मन्नत का फल, 
ईश्वरीय आशीर्वाद का फ़लसफ़ा है तू, 
कायनात का सबसे नायाब तोहफ़ा है तू,
कहूँ मेरे अल्फ़ाज़ में तो, 
है तू मेरे लिए हुस्न की मलिका। 

देर से ही मिली मुझे पर, 
जेसी मन में छवि बनाई थी मैंने, 
वैसे ही मिली मुझे मोहतरमा मेरी, 
ना देखी उसने मेरी शान-ओ-शौकत,
ना ही देखी कभी मेरी धन दोलत, 
देखा तो सिर्फ उसने मेरा नादान दिल।

पहली नज़र में जब देखा था उसे,
लगा जैसे परी उतर आई है आज आसमान से, 
चुपके चुपके देखा था उसको बहुत उस दिन,
मुझे क्या पता था तब की अब तो,
यह नज़ारा सारी जिंदगी देखने को मिलेगा। 

क़ायनात की लकीरों ने मिला दी हमारी क़िस्मत, 
और पुरी कर दी मांगी थी जो मैंने मन्नत, 
आज हम साथ है खुशी से मेरे आशियाने में, 
जी रहे हैं एक दूसरों को समझकर हमेंशा, 
और बांट रहे हैं एक दूसरे का दुःख दर्द। 

-Nitesh Prajapati 

















 रचना क्रमांक :-25    27/04/2022

#kkrहुस्नकीमलिका
#collabwithकोराकाग़ज़
#रमज़ानकोराकाग़ज़
#kkr2022
#कोराकाग़ज़
#kkrnitesh
"हुस्न की मलिका"

है तू मेरे लिए मेरी मन्नत का फल, 
ईश्वरीय आशीर्वाद का फ़लसफ़ा है तू, 
कायनात का सबसे नायाब तोहफ़ा है तू,
कहूँ मेरे अल्फ़ाज़ में तो, 
है तू मेरे लिए हुस्न की मलिका। 

देर से ही मिली मुझे पर, 
जेसी मन में छवि बनाई थी मैंने, 
वैसे ही मिली मुझे मोहतरमा मेरी, 
ना देखी उसने मेरी शान-ओ-शौकत,
ना ही देखी कभी मेरी धन दोलत, 
देखा तो सिर्फ उसने मेरा नादान दिल।

पहली नज़र में जब देखा था उसे,
लगा जैसे परी उतर आई है आज आसमान से, 
चुपके चुपके देखा था उसको बहुत उस दिन,
मुझे क्या पता था तब की अब तो,
यह नज़ारा सारी जिंदगी देखने को मिलेगा। 

क़ायनात की लकीरों ने मिला दी हमारी क़िस्मत, 
और पुरी कर दी मांगी थी जो मैंने मन्नत, 
आज हम साथ है खुशी से मेरे आशियाने में, 
जी रहे हैं एक दूसरों को समझकर हमेंशा, 
और बांट रहे हैं एक दूसरे का दुःख दर्द। 

-Nitesh Prajapati 

















 रचना क्रमांक :-25    27/04/2022

#kkrहुस्नकीमलिका
#collabwithकोराकाग़ज़
#रमज़ानकोराकाग़ज़
#kkr2022
#कोराकाग़ज़
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