अमावस्या की अंधेरी रात । जहन मे ख्याल आता है न जाने कितनी आत्माए जो अपने सपने अपने फर्ज और दिल में दर्द ले कर इधर उधर भटकती है।मजबूर और लाचार सी। जो न अपनों को छू सकती हैं न कुछ बोल सकतीं हैं। ©SHANU KI सरगम #अमावस्या