#OpenPoetry निकल जाये कहीं ना जां मिरी इतना सताओ ना चलो हमने किया तुम पर यकीं अब मान जाओ ना बहुत दिन हो गये हैं ठीक से देखा नहीं तुमको तुम्हें जी भर के देखूंगा मिरे नज़दीक आओ ना सभी से कर रहे हो क्यूं मिरी इतनी बुराई तुम अगर इतना बुरा हूं मैं तो मुझको भूल जाओ ना