कितने जख्मों को दिल में समेटा है तब जाकर हमने रात का सकून खोया है लोग कहते हैं खुशनसीब है हम पर हमें लगता है हमसे बदनसीब इस जहां में कोई नहीं हुआ है हमसे बदनसीब