Nojoto: Largest Storytelling Platform

"उलझती ज़िंदगी" को तुमनें ही सुलझाया है। टूटे हुए

"उलझती ज़िंदगी" को तुमनें ही सुलझाया है।
टूटे हुए अक्स फ़िर तुमनें आईना  बनाया है।। 

सुखकर  डाल से  बिखरता  है  जैसे  पत्ता, 
एक-एक पत्ता समेट एक फूल खिलाया है।। 

दोपहर की धूप में तुम छाँव बनकर आएं हो।
जीवन के उड़े थे रंग,तुम फ़िर बहार लाएं हो।

मेरे दिल को एहसास है अब कुछ कमी नहीं! 
शिकायतें दूर हुई,तुम नया ज़ज्बात जगाएं हो।

"नेहा" इस मोहब्बत को क्या नाम दूँ आख़िर,
तुम इश्क़ हो, या दुआ, तुम्हीं ख़ुदा से भाएं हो। ♥️ Challenge-703 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 

♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
"उलझती ज़िंदगी" को तुमनें ही सुलझाया है।
टूटे हुए अक्स फ़िर तुमनें आईना  बनाया है।। 

सुखकर  डाल से  बिखरता  है  जैसे  पत्ता, 
एक-एक पत्ता समेट एक फूल खिलाया है।। 

दोपहर की धूप में तुम छाँव बनकर आएं हो।
जीवन के उड़े थे रंग,तुम फ़िर बहार लाएं हो।

मेरे दिल को एहसास है अब कुछ कमी नहीं! 
शिकायतें दूर हुई,तुम नया ज़ज्बात जगाएं हो।

"नेहा" इस मोहब्बत को क्या नाम दूँ आख़िर,
तुम इश्क़ हो, या दुआ, तुम्हीं ख़ुदा से भाएं हो। ♥️ Challenge-703 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 

♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
nehapathak7952

Neha Pathak

New Creator