वो हमसे दोस्ताना व्यवहार ही रख लें हम उनकी मोहब्बत के काबिल नहीं बड़े बदनसीबों में शुमार हो गये हम लाख कोशिशें की मिली मंजिल नहीं हमनें सब कुछ लुटा डाला और वो कहते हैं हमारा दिल आदिल नहीं कश्तियाँ तैरती हैं इश्क़-ए-समंदर में हर किसी को मिलता साहिल नहीं नाम खूबसूरत बहुत है इसका मगर फ़क़त खिलौना है ये कोई दिल नहीं वो लोग जो आवारा नाकारा न हुए जरूर रहे होंगे इश्क़ में दाखिल नहीं ख़ुदा का शुक्र मर्ज से बचाये रख्खा इस आग से दूर रहे हम शामिल नहीं ©अज्ञात #roseday