बहुत मशरूफ़ हो शायद, या पीछा छुड़ा रहे हो हमसे। बस एक बार मिल लो कहीं, क्यों इंतज़ार करा रहे हो हमसे। नहीं प्यार करते तो साफ़ कह दो, क्यों मोहब्बत करा रहे हो हमसे। बोलना तो नहीं चाहते कुछ तुम्हें, पर तुम मुँह खुलवा रहे हो हमसे। #मसरूफ़ियत #मसरूफ़ #व्यस्त #मोहब्बत #मुँह #इंतज़ार #yqdidi #ifyoulikeitthenletmeknow