तेरी -मेरी बातें जिनका ना कोई अंत ना कोई शुरुआत । तेरी मेरी बातें जो कभी खत्म ना हो ।। तेरा आकर यूँ उठकर गले लगाना । अपने को मेरे बराबर लाने पैर उठाकर खड़े होना ।। मेरी हर बात को अपनी बात से गलत बताना । मुझ पर अपनी मन मानी चलाना ।। एक सफर जो कुछ ऐसे मुकाम जा पहुँचा। जहाँ यादो से भरा झरोखा है। बस जिसमें मुझे डुब जाना है । #तेरी_मेरी_बातें