Jai shree Krishna गोपियों का प्रिय लिखूँ या राधा का प्रियतम लिखूँ, रुक्मणि का श्री लिखूँ या सत्यभामा का श्रीतम लिखूँ, रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना लिखूँ. part 3 ©ÐƐƔɪŁ प्रेरणादायी कविता हिंदी