जुलाई का महिना हैं काली अन्धेरी रात में बारिश की हल्की फुहार हैं छत की मुँडेर पर रखी बोतल हाथ में काँच का गिलास और दो उंगलियों में जलती हुई एक मशाल हैं जो मेरें बर्फ से जमे एहसासों को पिघलाकर मेरे तन्हापन में तुम्हारे साथ हो लेने का उन्माद भर रही हैं आसमान से गिरती हुई बारिश की बूँदे अन्दर तक सिहरन पैदा कर एक मीठे दर्द का एहसास करा रही हैं जो अब तक तुम्हारे यादों का काम था चाँद भी बादलों के सहारें छुपा हुआ हैं बिलकुल मेरी तरह एकान्तवास में #jazbaat_e_shafar #Barsat #cigarettes #yadein #sarab