प्रेम नाम के दरिया मा उतर गया जो कोई... कुछ पावे ना पावे पर है खुद को वो खोई... कमतर आँका राधे को बंसी अधिक थी मोही... सर्वस्व गवाकर मोहन पर राधे भी पल पल रोयी...