ज़िन्दगी की उलझनों में कुछ इस कदर उलझ गया हूं मै ना वक़्त का ठिकाना है ना लिखने का बहाना है तुम सोच रहे हो कि थम गया हूं मै थोड़ा ठहरो तो सही समय आने दो अभी तो कुछ कहा ही नहीं मैंने उनसे अभी तो हमे उन्हें पुरा मिसरा सुनाना है उन्हें अपना बनाना है kuch to sunana hai #nojoto#notime#but#kuch_to_sunana_hai