ये बचपना अब कहा हम कहा,वो कहा|| बरसात के पानी मैं नाव का तेरना, मिट्टी की डुंगरियो को मिलकर हेरना, साइकिल के टायर को आंगन में फेरना, तासो के लिए माचिस की तिलिया बखेरना, "देशमुख" थोड़ा सा रूख तालाब के पास वो भूत वाला पेड़ कहा|| हम कहा,वो कहा| ये बचपना अब कहा|| ©deshraj deshmukh #brothersday