कभी मुस्कुराती, इठलाती कभी रूठ जाती. और हम मानते उसे कभी.. कभी मेरी पसंद के वो कपडे पहन कर आती, मेरे लिए श्रंगार करती कभी.. हम उसके लिए गीत गाते वो ताल से ताल मिला कर गुनगुनाती कभी.. कभी कदम से कदम मिला साथ मे चलती और जब मेरे कदम डगमगाते, वो राह दिखाती कभी.. मेरी गलतियों पर मुझे डांटती फटकारती समझती कभी. कभी प्रेम का भाव मन में लिए मेरे पास आती पर दूर न जाती कभी