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मंज़िले हमारे करीब से गुज़रती रही साहब । और हम दूस

मंज़िले हमारे करीब से गुज़रती रही साहब ।
और हम दूसरों को रास्ता दिखाने मे रह गये । सफर न जाने कब खत्म होगा ?
मंज़िले हमारे करीब से गुज़रती रही साहब ।
और हम दूसरों को रास्ता दिखाने मे रह गये । सफर न जाने कब खत्म होगा ?
kavitavedi3052

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