यादों में यह भी याद नही रहा आँसू सिर्फ आँखों का श्रृंगार है और मैंने विरहतप्त तन को ही आँसूओं से स्नान करा लिया... कमबख्त! फिर भी जलता है। 😭 ©Anil Ray ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ इस कदर पवित्र प्रेम में, समर्पित हो जाना काश! मुझे प्रेमरस प्याला पीना आ जाता। मदहोश हो मदमस्त पीते उस प्रेमप्याले को पीते पीते प्रेमसागर का किनारा आ जाता। अगर भूल! से हो जाये भूल अनन्य प्रेम में मेरी अश्रुधारा से श्रावण महीना आ जाता। मेरी आँखों ने नही किया होता आँसूश्रृंगार