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तुम्हे क्या पता, तुम क्या हो मेरे ... तुम मेरे स

तुम्हे क्या पता, 
तुम क्या हो मेरे ...

तुम मेरे सुबह का 
उगता हुआ सूरज है तो,
दोपहर की तपती धूप के 
शीतल छाया हो..
ढलती शाम के ठंडी हवा हो तुम,
तुम रात की मेरे हसीन ख्वाब हो..

तुम्हे क्या पता ,,,
तुम क्या हो मेरे,
तुम मेरे चारों पहर के 
एक चमकता सितारा हो,
मेरे जीने की सहारा हो...!!!

©Raj Alok Anand
  #tummereho

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