Nojoto: Largest Storytelling Platform

जिंदगी है हाशिए पे, जान की कीमत क्या होगी। जीते जा

जिंदगी है हाशिए पे,
जान की कीमत क्या होगी।
जीते जाना अब मजबूरी है,
जिंदगी भला क्या होगी।

पिंजरे में कैद परिंदें सी,
होगई जान है।
सब कुछ लूट गया,
अब पहचान भला क्या होगी।

चलते जारहा हूं चलने के लिए,
रुकने की इजाज़त नहीं।
गरीब है हम हुज़ूर,
गरीब किं गुरबत भला क्या होगी। #migrantlabourcrisis 
#migrantworker 
#गुरबत

#walkingalone
जिंदगी है हाशिए पे,
जान की कीमत क्या होगी।
जीते जाना अब मजबूरी है,
जिंदगी भला क्या होगी।

पिंजरे में कैद परिंदें सी,
होगई जान है।
सब कुछ लूट गया,
अब पहचान भला क्या होगी।

चलते जारहा हूं चलने के लिए,
रुकने की इजाज़त नहीं।
गरीब है हम हुज़ूर,
गरीब किं गुरबत भला क्या होगी। #migrantlabourcrisis 
#migrantworker 
#गुरबत

#walkingalone