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शैतान तू कितना शैतान हो गया तू अपने जैसों पे मेह

शैतान तू कितना शैतान हो गया


तू अपने जैसों पे मेहरबान हो गया
मैंने सदा ख़ुद को पारसा समझा
मैं ख़ुद में तुझे देख हैरान हो गया
तू भाग गया हिसाब किताब के वक़्त
मैं हिसाब देते देते परेशान हो गया
मैं तो गुमनाम जी रहा था मगर
तेरे साथ रहके मैं बदनाम हो गया
ख़ुशफ़हमी थी कि मैं ख़ुश हूँ बहुत
मेरे ख़ुशियों का क़त्ल खुले आम हो गया
शरीफों के लिबास में वो रहता था मगर
वो शैतान है शहर में ऐलान हो गया
रईस को सही मंज़िल मिली ही नहीं
भटकते भटकते दिन तमाम हो गया..

©SamEeR “Sam" KhAn #शैतान
शैतान तू कितना शैतान हो गया


तू अपने जैसों पे मेहरबान हो गया
मैंने सदा ख़ुद को पारसा समझा
मैं ख़ुद में तुझे देख हैरान हो गया
तू भाग गया हिसाब किताब के वक़्त
मैं हिसाब देते देते परेशान हो गया
मैं तो गुमनाम जी रहा था मगर
तेरे साथ रहके मैं बदनाम हो गया
ख़ुशफ़हमी थी कि मैं ख़ुश हूँ बहुत
मेरे ख़ुशियों का क़त्ल खुले आम हो गया
शरीफों के लिबास में वो रहता था मगर
वो शैतान है शहर में ऐलान हो गया
रईस को सही मंज़िल मिली ही नहीं
भटकते भटकते दिन तमाम हो गया..

©SamEeR “Sam" KhAn #शैतान