समर शोर मचाएगा , अब का समर तुम्हें कलम की चीख सुनाएगा, दिन रात तड़पती है , रोज़ जीती है रोज़ मरती है , ये कलम तुम्हें हर पहर याद करती हैं, हर शब्द तुम्हें पुकारता है, हर पन्ना तुम्हें निहारता हैं, हर बार की तरह इस बार भी आयेगा , मगर अब का समर साथ आंधी तूफान लाएगा। ©Bhanu Priya poetry quotes