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समर शोर मचाएगा , अब का समर तुम्हें कलम की चीख सु

समर 

शोर मचाएगा ,
अब का समर तुम्हें कलम की चीख सुनाएगा,
दिन रात तड़पती है ,
रोज़ जीती है रोज़ मरती है ,
ये कलम तुम्हें हर पहर याद करती हैं,
हर शब्द तुम्हें पुकारता है,
हर पन्ना तुम्हें निहारता हैं,
हर बार की तरह इस बार भी आयेगा ,
मगर अब का समर साथ आंधी तूफान लाएगा।

©Bhanu Priya   poetry quotes
समर 

शोर मचाएगा ,
अब का समर तुम्हें कलम की चीख सुनाएगा,
दिन रात तड़पती है ,
रोज़ जीती है रोज़ मरती है ,
ये कलम तुम्हें हर पहर याद करती हैं,
हर शब्द तुम्हें पुकारता है,
हर पन्ना तुम्हें निहारता हैं,
हर बार की तरह इस बार भी आयेगा ,
मगर अब का समर साथ आंधी तूफान लाएगा।

©Bhanu Priya   poetry quotes
bhanupriya6111

Bhanu Priya

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