#OpenPoetry बस थोड़ी सी #ख्वाहिश है, और ना कोई #फरमाइश है.... #रहना तुम, सदा साथ मेरे, बस तुझसे यही #गुजारिश है..... रस्मों और #रिवाजों से, तुझे #अपना बनाना है.....! रहे #सलामत ये प्यार हमारा, यही #दुआ रब से मुझे करनी है.. बस यही मेरी #ख्वाहिश है, और ना तुझसे कोई #फरमाइश है....!!!! #OpenPoetry उम्मीद