वापसी मुमकिन नहीं के तेरे दर पे जाऊंगी अब मोहब्बत हमने भी किया था तुमसे पर भीख ना माँगूगी अब बहुत मिन्नतें किया था मैंने के लौट आओं ना अब उन अश्कों की कीमत तुम क्या जानो इक बूँद ना बहाऊँगी अब मोहब्बत तुम से तो नफ़रत भी तुम से ही रही के ख्वाब_ख्यालों में तुम ही तुम रहो ऐसा ना कर पाऊँगी अब तेरी यादों के गलियारों में शाम_ओ_सहर गुमगश्ता के उन विरानीयों में दिल-ए-ख़ाना-ख़राब कर ना पाऊँगी अब कज़ा से पहले कज़ा दहलीज़ को चूँम गई थी "Queen पर तेरे लिए शम्अ-ए-हस्ती कभी ना बुझा पाऊँगी अब ।।।। दिल _ए_ ख़ाना _ख़राब = तबाह_ ओ _बर्बाद _दिल शम्अ _ए_ हस्ती = ज़िन्दगी _की _शमा कज़ा =मौत #मोहब्बत #चाहत #इश्क़ #बेवफा