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काँच और हीरे में फर्क़ होता है। हीरे को पहचानना है

काँच और हीरे में फर्क़ होता है। हीरे को पहचानना है तो अंधेरे का इंतिज़ार करो धूप में तो काँच भी चमकता है। 
दोस्त वही है जो बुरे वक़्त में काम आए वरना सुख में तो हर कोई साथ होता है। A friend in need is a friend indeed.
काँच और हीरे में फर्क़ होता है। हीरे को पहचानना है तो अंधेरे का इंतिज़ार करो धूप में तो काँच भी चमकता है। 
दोस्त वही है जो बुरे वक़्त में काम आए वरना सुख में तो हर कोई साथ होता है। A friend in need is a friend indeed.
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