जो हुआ उसे भूल भी नहीं सकतें। हम उन्हें हरगिज़ खो नहीं सकतें।। बस इसी गहन विचार में दिल मेरा। क्या लूं फ़ैसला सोच भी नहीं सकतें।। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-62 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।