ताका झांकी कानाफूसी करने मे आता सबको आनंद खुद का जैसा भी हो,, दूसरे की बैंड बजने में आता परम आनंद,,, बिजली जाने में झांके दूजे के घर समस्या क्या है नहीं करते वो हल,,, पड़ोसी की भी गई है लेते चैन की सांस बिजली दफ्तर का नंबर नहीं किसी के पास खाली बैठे हैं तो कानाफूसी कर लेते हैं दूसरे की कुछ बुराइयां देखकर सुकून ले लेते हैं,,,, पूरा कैप्शन में,, हंसना भी जरूरी है हास्यापद कविता,,, ताका झांकी कानाफूसी करने मे आता सबको आनंद खुद का जैसा भी हो,, दूसरे की बैंड बजने में आता परम आनंद,,, बिजली जाने में झांके दूजे के घर समस्या क्या है नहीं करते वो हल,,, पड़ोसी की भी गई है लेते चैन की सांस