सजाये थे मैंने बड़े जतनसे इन आँखों में सतरंगी सपने, सोच रखा था पर कुछ और ही ऊपर बैठा वो मेरे रब ने, बौछार हुआ और बह गए पानी संग मेरे वो सारे सपने निर्ममता साथ तोड़ दिया सब "चूँ" तक ना की उस पत्थरदिल रब ने, टूटे उसके पंखो को सीकर फिरसे जीना सीख रहा हूँ बिखरे टुकड़ो को संजोकर फिरसे सपना सजाना में सीख रहा हूँ, हाँ! "सतरंगी सपने" फिरसे इन आँखों में, मैं सींच रहा हूँ!! #सतरंगी_सपने #yqdidi #hindi #kavita #sapna #yqbaba