मैं हूँ एक चिडिया हूँ बंद पिंजरे के अंदर कैद सिमट गई है मेरी दुनिया इस पिंजरे के ही इर्दगिर्द कैद हो गई मैं ऊँची उड़ान के ख्वाहिशों के तले पिंजरे के अंदर कैद सोचते हूँ कब होगी मैं आजाद या टूट जाएंगी मेरी साँसे इन सलाखो के पीछे पर ख्वाहिशें मेरी थी हरदम मेरे साथ हुआ एक दिन चमत्कार खुला रह गया पिंजरे का दरवाजा और मैंने भरी आजादी की खूब ऊँची उड़ान जाना जीवन का महत्व जितना हैं अपने पास उतने में रहना हैं हमे खुश ताकि फिर कभी न हो सकूं मैं कैंद #Dwell_n_possibility #ऊँची उड़ान