#OpenPoetry जो बीत गए हरपल याद आते है गुलाबो सग भीगे, बाग याद आते है ईश्क मर्ज बला जाने क्या है ये शहर के लोग इसे कैसर बताते है जो रोग लगा उसकी दवा तू जाने सुना है लोग तुम्हे वैद बुलाते है अकसर तुम बिन भी तुमसे बात कर लेता हूँ मै तेरा नाम भी लू तो गीत बन जाते है जमाना पुछता है कोन है क्या नाम है उसका झूठ कैसे कहू उसे Av बुलाते है कहा है खंजर हसीन नजरे बाकी अदाएँ नजाकत भरा लहजा छोडो पागल है लोग जाने क्यो कातिल बुलाते है #OpenPoetry #nojoto poetry