सुनो प्रिय!! मै एक सफर पर निकला था। वो सफर अब खत्म होने वाला है।मैं किसी शाम की तरह ढल रहा हूं शहर की शामें अजनबी होती हैं। क्या पता.... वह शामें किसी रोज मुझे भी अजनबी बना दे। सूरज का यूँ ही अकेला अस्त हो जाना मुझे रुला जाता है।तुम परेशान मत होना।तुमहारे जहन के सबसे खूबसूरत हिस्से में मै यूँ ही धड़कता रहूंगा। मैंने अपने दिल की हर भावना को इस पत्र में व्यक्त करने की कोशिश की है ताकि तुम इन्हे और मुझे समझ सको। तुम्हारी मेरे बारे में क्या राय है, कृपया मुझे बताना जरुर। तुम्हारे जवाब का मैं इंतजार करूंगा। 🙏😘😍💋🙏 उम्मीद है आपको ये प्रेम पत्र मन को भा गयी होगी। ये प्रेम पत्र 3 भाग में मैंने post किया है। आप सभी तीनो भाग को पढ़ कर ही उतर दे। धन्यवाद... #लेखककिकलमसे #प्रेमलेखन #मनकीबातें