#वाक़िये 😅 तो #अनगिनत हैं #ज़िंदगी_के, #समझ_नहीं ❌ आता कि #किताब_लिखूँ या #हिसाब 📝 लिखूँ. #_Kitab 📚 or bs meri zindagi📖📖