खुशी होंठों पर मुस्कान बन कर छलकती थी, इस बड़प्पन ने सबके आंसुओं की कीमत तोड़ दी!! बचपन था तो किसी कश्ती सा लेकिन वक्त के दरिया में बह गया... ------ श्यामा🌸🥀 सस्ते खिलौनों व मासूमियत से दिल ऊबा तन्हा भीड़ में अब खुद गिरता, संभलता! ------ Shree