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वो गलतियाँ वो नासमझी मुझे तुमसे जुदा कर गई बना दिय

वो गलतियाँ वो नासमझी मुझे तुमसे जुदा कर गई
बना दिया तुझे अज़नबी और मुझे तन्हा कर गई

जिस रास्तें तुम चले थे उसकी कोई मंज़िल ना थी
शायद मेरी मोहब्बत की कशिश कुछ कम पड़ गई

वो नफ़स-ए-इश्क़ तेरा दर्द-ए-क़ल्ब मेरा बन गया
जो था क़भी हकीकत मेरी सबका फसाना बन गया

ज़फ़ा की आग तूने लगाई जो रूह तलक़ जल गई
शख्सियत मेरी मिट्टी हुई और राख में बदल गई

थी गुलज़ार जो इश्क़ की गलियाँ आज वीरान हो गई
खुदा थी जो ‘वेदांतिका' तेरे लिए आज इसांन हो गई
 ♥️ Challenge-491 #collabwithकोराकाग़ज़

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वो गलतियाँ वो नासमझी मुझे तुमसे जुदा कर गई
बना दिया तुझे अज़नबी और मुझे तन्हा कर गई

जिस रास्तें तुम चले थे उसकी कोई मंज़िल ना थी
शायद मेरी मोहब्बत की कशिश कुछ कम पड़ गई

वो नफ़स-ए-इश्क़ तेरा दर्द-ए-क़ल्ब मेरा बन गया
जो था क़भी हकीकत मेरी सबका फसाना बन गया

ज़फ़ा की आग तूने लगाई जो रूह तलक़ जल गई
शख्सियत मेरी मिट्टी हुई और राख में बदल गई

थी गुलज़ार जो इश्क़ की गलियाँ आज वीरान हो गई
खुदा थी जो ‘वेदांतिका' तेरे लिए आज इसांन हो गई
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akankshagupta7952

Vedantika

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