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मैं आँख बंद करके उसका चित्र बना लेता हूं अँधेरे मे

मैं आँख बंद करके उसका चित्र बना लेता हूं अँधेरे में भी उसे अंग अंग सजा लेता हूं उसे भूलना चाहता हूं फिर भी नहीं भूल पता क्योंकि मैं उसे मन ही मन काई बार दोहरा लेता हूं ।
-dedicated of Aspirants

©Fight with life's problems
  #aspirants_thought⏳

aspirants_thought⏳ #Shayari

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