जैसे-जैसे चीन की आर्थिक और सैन्य शक्ति बढ़ रही है वैसे-वैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीन सरकार की आक्रामकता भी गंभीर रूप से लेती जा रहे खासतौर पर भारत के प्रति चीन की एक अमरता नीति पकड़ी चुकी है हाल की घटनाएं दर्शाती है कि भारत प्रति जिम्मेवार सामान्य कूटनीति शिष्टाचार की सीमाओं को तोड़ते हुए खंड पन और सभ्यता की सीमाओं में प्रवेश कर चुका है इसमें से एक घटना चीन में भारत के भौगोलिक अखंडता को सीधी चुनौती दी और दूसरी में भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े प्रतीक संसद का खुलेआम खुलेआम अपमान किया 30 दिसंबर को चीन सरकार के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने एक नक्शा जारी किया इसमें लोचन प्रदेश के 15 स्थानों में नहीं छीन नामकरण की घोषणा की गई है इससे पहले 2017 में भी उसने अनाचल प्रदेश के साथ स्थानों को चीनी नामों का ऐलान किया था लकीन ताज घोषणा का सीधा संबंध चीन के नए सीमा कानून से है जो 1 जनवरी से लागू हो गया है नए नियमों की घोषणा को लेकर चीन ने दावा किया है कि उसने यह कदम चीनी लाखों के नामों का नामकरण करने के लिए उठाया है इस बार की घोषणा मात्र काली जी नहीं है बल्कि नए कानून का हिस्सा है चीन सरकार समाचार एजेंसी ने कहा है कि भूमि सीमा कानून चीनी लाखों पर चीन की स्वर्ग हो एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने पर केंद्रित है ©Ek villain # चीन की दादागिरी का मुकाबला #Thoughts