फ़लक पे नाम लिख दू तारो संग तेरा, गर इश्क में मेरी जान तिजारत न हो, महताब बन उजाला कर दू तेरे आंगन को, गर मेरी जान अश्किया तवायफ न हो। तू इकरार नही मेरी इश्क की मेरी जान, तू इल्तज़ा भी नही मेरी खामोशियो की, तू बेबस है क्यू मेरी जान, तू इंतिकाम नही मेरे शहादत की, तू उक़ूबत की इस्बात से न जिक्र रखना, तू फिक्रमंद क्यू है मेरी जान, तू कायल नही मेरी कफ्न की। मेरा क़मर मुझे निहार रहा, तू खस्ता छोड़ के जाने दे मेरी जान को, गर्दिश में ही रह जाने दे मेरे गुलज़ार को, ----प्रदीप सरगम ----- #Nojoto #shayri #Hindi #WatchingSunset Anshu writer