"ज़रूरी नहीं हर बात होंठो से कही जाती है, दिल कि बातें तो इशारों में ही हो जाती हैं, बहुत सोच समझ कर सलीके से किया करों बातें, कि ये दुनियां है यहां हर बात दूर तलक जाती है। जैसा बिजोगे वही फसल लहलहाएगी, जो सोचोगे नज़र भी वही दिखाएगी, मेरी मानो तो खुल के जिया करों तुम यारों, ना जानें कब, कहां आख़री सांस निकल जाएगी, सुना है कि सब कुछ पाया नहीं उसने, चुप रहा वो पर कभी सताया नहीं उसने, जिम्मेदारी का बोझ उठाते-उठाते गुज़र गया उसका बाप, और बिगड़ी औलाद कहती है कि फ़र्ज़ निभाया नहीं उसने" ©purvarth #ज़िन्दगीकासफर