ऐ मेरे हमदम ऐ मेरे हमदम तेरे बगैर कितने अधूरे थे हम जी रहे थे युही बगैर मकसद ,न था मरने का भी कोई गम तु मिला तो लगा, ये जिंदगी न कही पड़ जाए कम ऐ मेरे हमदम ऐ मेरे हमदम तेरे बगैर कितने अधूरे थे हम ख्वाब थे अधूरे,ख्वाइशों में भी थी कोई कमी न था किसी को खोने का कोई गम मिल कर ही तो लगा क्यू जी रहे थे यू ही अधूरे अधूरे से हम ऐ मेरे हमदम ऐ मेरे हमदम तेरे बिना कितने अधूरे थे हम मांग लुंगी उस खुदा से तुम्हे इस नही हर जन्म जन्म तुझसे मिलकर सताता नही अब मुझे कोई गम दूर नही होना मुझसे कभी मेरे सनम ऐ मेरे हमदम ऐ मेरे हमदम तेरे बिना कितने अधूरे थे हम ऐ मेरे हमदम ऐ मेरे हमदम