ना जाने किस उम्मीद पर बैठा है ऐ दिल , इक ऐसी राह पर जो तेरी रहगुजर ही नही , मेरे दिल को आज भी ना जाने क्यूँ तेरा इंतजार है , बहूत बखूबी जानते है की तु नही आयेगा अब , फिर भी ना जाने क्यूँ , इस आस पर उम्मिद लगा कर बैठा है ये दिल , कि तु आयेगा।। #आ भी जा