÷×÷'' *पास* बिठा कर *प्यार* से *समझाती* क्यों *नहीं*.. ... .. . , ऐ *ज़िन्दग* कभी *सलीक़े* से पेश *आती* क्यों *नहीं*.. ... .. . !!''×÷× #. ... 😕 #. Đį*ß&æ...❣️