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आज फिर रोते हुए गुज़र गई एक और रात, तन्हाई में, छुप

आज फिर रोते हुए गुज़र गई एक और रात,
तन्हाई में, छुपकर, तकिये में मुह गड़ाए।
शोर तो था चारो ओर अलग अलग आवाजों का, 
पर आज उसे शांति ही अच्छी लग रही थी।
जगमग कर रहा था हर कोना प्रकाश से,
पर उसके दिल के एक कोने में आज अंधेरा था।
मुस्कान लिए फिर रहा था वो हर वक़्त,
पर एक टिस छिपी थी उस लंबी मुस्कान के पीछे।
कहने को तो अपनों के पास था, उनके साथ था,
पर शायद अपनों से, अपनी गलियों दूर भी था।
दीपक की जलती लौ को देखकर बस यही सोचता,
अगली बार ये प्रकाश अपनी गलियों में देखेगा। त्योहार पर घर से दूर एक दर्द अलग सा होता है
#needless_thoughts
#lone_sailor
#diwali #deepawali #festival #love #hope #lightsofhope
आज फिर रोते हुए गुज़र गई एक और रात,
तन्हाई में, छुपकर, तकिये में मुह गड़ाए।
शोर तो था चारो ओर अलग अलग आवाजों का, 
पर आज उसे शांति ही अच्छी लग रही थी।
जगमग कर रहा था हर कोना प्रकाश से,
पर उसके दिल के एक कोने में आज अंधेरा था।
मुस्कान लिए फिर रहा था वो हर वक़्त,
पर एक टिस छिपी थी उस लंबी मुस्कान के पीछे।
कहने को तो अपनों के पास था, उनके साथ था,
पर शायद अपनों से, अपनी गलियों दूर भी था।
दीपक की जलती लौ को देखकर बस यही सोचता,
अगली बार ये प्रकाश अपनी गलियों में देखेगा। त्योहार पर घर से दूर एक दर्द अलग सा होता है
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shivadixit9511

Shiva Dixit

New Creator