नृत्य, गायन, अभिनय, वादन व रंगमंचन होता है !! ये नाट्य कला, संपूर्ण कलाओं का संगम होता है !! ये रंगमंच मंदिर होता है पर्दे हैं द्वार उस मंदिर के !! कलाकार कठपुतली निर्देशक के मन के अंदर के !! सहयोगी होते नींव नाट्य के नहीं कोई कम होता है !! ये नाट्य प्रदर्शन पूजन है दर्शक ईश्वर सम होता है !! कलाकार का श्रम मंच पर, मनोरंजन बन आता है !! चंद मिनट में महीनों की, मेहनत का रंग दिखाता है !! संपूर्ण सभा में दर्शक की जो ताली से गुंजन होता है !! वह गुंजन उपहार कलाकार जीवन पर्यंत संजोता है !! #चौबेजी !! #worldtheatreday #विश्वनाट्यदिवस #चौबेजी #नाट्य #कविता