सुमित जयपाल और नलिनी चाय पी रहे थे रेस्टोरेंट में । तभी अचानक नलिनी ने एक लड़की को देखा जो साथ वाली टेबल पर थी । ये चेहरा कुछ जाना पहचाना था । ये शर्मिला थी । ये चारों तीन साल पहले तक एक ही कंपनी में काम करते थे ।नलिनी शर्मिला के पास ही चली गई थी , उससे बात करने । जयपाल ने भी उसे दूर से हैलो कर दिया । शर्मिला ने दोनों की बात का जवाब दे दिया मगर सुमित को इग्नोर कर दिया । नलिनी ने पूछा कि क्या तुमने उसे पहचाना नहीं तो उसने जोर से कहा कि मैं नहीं जानती इसे, कौन है ये । नलिनी और जयपाल के पाँवों तले से जमीन खिसक गई । सुमित चाय पीता रहा , पता नहीं चाय पी रहा था या इस कड़वी बात का घूंट । पांच साल पहले की ही तो बात है जब सबने एक ही कंपनी जॉइन की थी । वहां पर जान पहचान हुई, फिर दोस्त बन गए । चारों दोस्त थे, मगर धीरे धीरे सुमित और शर्मिला की दोस्ती ना जाने कब प्यार में बदल गयी । सारा दिन ऑफिस में साथ रहना उसके बाद भी काफी समय व्यतीत करते साथ में । प्यार गहरा होता गया । इस प्यार की एक वजह भी थी शायद । शर्मिला के छोटे भाई की एक दुर्घटना में मौत हो गयी थी । उसके जाने के बाद उसे सम्भालने वाला शख्स सुमित ही था । महीनों तक जब शर्मिला सुमित के साथ बात करती तो एक घण्टे की बातचीत में लगभग 55 मिनट तक रोती रहती और सुमित उसे चुप करवाता रहता । उस दौर में सुमित खुद के सारे काम छोड़कर शर्मिला को सहज करने की कोशिश में लगा रहता । और 2-3 महीनों के अथक प्रयास के बाद सुमित शर्मिला के चेहरे पर मुस्कान लाने में कामयाब हो ही गया । इसके बाद शर्मिला की आदत बन गया सुमित । हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बातें वह सुमित के साथ साझा करने लगी । शर्मिला ने सुमित के आगे सम्पूर्ण समर्पण कर दिया लगभग 2 साल तक । उसके बाद जब दोनों ने वो कंपनी छोड़ दी तो उनके रिश्ते में थोड़ा थोड़ा फर्क आने लगा । हालांकि अब भी शर्मिला सुमित की लगभग हर बात मानती थी । मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था । समय ने करवट ली और बिना किसी बात के शर्मिला ने सुमित से बात करना छोड़ दिया । सुमित ने कोशिश की बात करने की, मगर बात ना बन सकी । खैर सुमित तो लगभग उस बात को छोड़ ही चुका था । मगर आज जब सब कुछ ये एकदम से हो गया तो ये सारी बातें हाथ मे चाय का कप लिए हुए सुमित के दिमाग में फिर से घूम गयी । शर्मिला जा चुकी थी । जयपाल और नलिनी कभी एक दूसरे की ओर देखते कभी सुमित की ओर । सुमित चाय का कप हाथ में पकड़े खड़ा था, चाय शायद ठंडी हो गयी थी, जो एक चीज गर्म थी वो ये बात जो उसके कानों में अब भी गूंज रही थी कि, "इसे मैं नहीं जानती" । ©Senti Saharan #जानपहचान #कहानी #Sentisaharan