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ज़िन्दगी जैसे रुक सी गई है, और दर्द अपने रफ्तार पक

ज़िन्दगी जैसे रुक सी गई है, और दर्द अपने रफ्तार पकड़ रही है ...
मैं जैसे मर सी गई हूँ ,और मेरे वजूद मुझसे सवाल कर रहे हैं ...
के क्यूँ है हम ऐसे, 
कि बातों का जवाब होते हुए भी ,हम बेजु़बान बन रहे हैं

©Guriya Thakur Khud se hi Anjaan... 

#Thinking
ज़िन्दगी जैसे रुक सी गई है, और दर्द अपने रफ्तार पकड़ रही है ...
मैं जैसे मर सी गई हूँ ,और मेरे वजूद मुझसे सवाल कर रहे हैं ...
के क्यूँ है हम ऐसे, 
कि बातों का जवाब होते हुए भी ,हम बेजु़बान बन रहे हैं

©Guriya Thakur Khud se hi Anjaan... 

#Thinking